सोलह सिंगार
इतरा रहा है ये मन मेरा करके सोलह सिंगार
माथे पे चमक रहा है मेरे कुमकुम सुर्ख़ लाल
आईने में दिखी हक़ीक़त और अब नहीं है...
उम्मीद की लौ
झुकी हुई हैं नज़रें आज इंतेज़ार में तेरे
डर हैं कहीं धड़कनें थम ना जाएँ
उम्मीद की लौ मगर बुझने नहीं देंगे
इंतेज़ार की घड़ियाँ शायद पल...
कजरारे नयन
मन मोह लिए हैं कितने इन कजरारे नयनों ने
हर अदा पर इनकी दिल कितने बेताब हुए हैं
जगा कर प्यास कभी ना बुझने वाली
पर्दे में...
माँ
माँ की परिभाषा क्या कोई समझ पाया है
छोटे से लफ़्ज़ में कितनी गहराई छुपी है
घूम आएँ भले जहाँ सारा पर मंज़िल मिलती नहीं
क्यूँकि हर...
कान्हा
जब भी मुझे तेरी याद आई कान्हा
तेरी बांसुरी की धुन कर गई दीवाना
छोड़ लोग लाज मैं दौड़ी चली आई
बचपन की सखियाँ भी हुई पराई
इंतेज़ार
राह निहार रही हूँ मैं ना जाने कब से
ख़त्म नहीं होती ये घड़ियाँ इंतेज़ार की
माथे पर शिकन और बेचैनी दिल में लिए
स्वागत में खड़ी...
धुन प्यार की
अभी छाया है जहाँ हर ओर सन्नाटा
महफ़िल मेरे घर में यार की फिर सजेगी
कुछ पल की ही हैं ये खामोशियाँ
फ़िज़ा में फिर धुन प्यार...
खोया हुआ वक़्त
ना जाने किसका मुझे इंतेज़ार है
और ज़िंदगी क्यूँ इस क़दर बेज़ार है
लौट कर आएगा खोया हुआ वक़्त है यक़ीं
फ़िज़ाओं में देखो छाया फिर खुमार...