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कुछ दिल ने कहा

उम्मीद की लौ

    झुकी हुई हैं नज़रें आज इंतेज़ार में तेरे डर हैं कहीं धड़कनें थम ना जाएँ उम्मीद की लौ मगर बुझने नहीं देंगे इंतेज़ार की घड़ियाँ शायद पल...

खोया हुआ वक़्त

      ना जाने किसका मुझे इंतेज़ार है और ज़िंदगी क्यूँ इस क़दर बेज़ार है लौट कर आएगा खोया हुआ वक़्त है यक़ीं फ़िज़ाओं में देखो छाया फिर खुमार...

क़यामत

      हया तो गहना है औरत का नज़रों से मगर क़यामत वो ढाती है दुनिया की हसरत भरी निगाहों को अपने दामन में चुपके से समाती है

धुन प्यार की

    अभी छाया है जहाँ हर ओर सन्नाटा महफ़िल मेरे घर में यार की फिर सजेगी कुछ पल की ही हैं ये खामोशियाँ फ़िज़ा में फिर धुन प्यार...

तेरी झाँझर

      इस ख़ामोशी को तोड़ दो ना तुम ज़रा अपनी झाँझर हलके से झनका दो मदहोशी में डूब जाएँ फिर ये समा ऐसे अपने नयनों से जाम छलका...

कजरारे नयन

  मन मोह लिए हैं कितने इन कजरारे नयनों ने हर अदा पर इनकी दिल कितने बेताब हुए हैं जगा कर प्यास कभी ना बुझने वाली पर्दे में...

कान्हा

    जब भी मुझे तेरी याद आई कान्हा तेरी बांसुरी की धुन कर गई दीवाना छोड़ लोग लाज मैं दौड़ी चली आई बचपन की सखियाँ भी हुई पराई

माँ

    माँ की परिभाषा क्या कोई समझ पाया है छोटे से लफ़्ज़ में कितनी गहराई छुपी है घूम आएँ भले जहाँ सारा पर मंज़िल मिलती नहीं क्यूँकि हर...

ज़िंदगी के रंग

    बेरंग सी क्यूँ लगती है आज ज़िंदगी मुझे सुकून ढूँढने चली हूँ ना जाने क्या वजह हैं तनहाई का लेकर फ़ितूर आख़िर क्या होगा ये जाना कि...

पहचान

      मंज़िल की खबर नहीं रास्ते भी अनजान हैं वक़्त है मुट्ठी में और ढूँढनी अपनी पहचान है

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