तेरी अधूरी दास्तान हूँ मैं
तेरी अधूरी दास्तान हूँ मैं
चंद लवजों की मेहमान हूँ मैं
रूह में तेरी उतर के देखा
फिर जाना की तेरी पहचान हूँ मैं
देख ले जी भरके...
एक औरत पूर्ण हूँ मैं
मुस्कुराती हूँ मैं आजकल ना जाने क्यूँ हर बात पे
इश्क़ तो है नहीं , हूँ मैं उम्र की उस दराज़ पे
शायद अपना साथ मुझे...