”चिड़िया का घोंसला “ एक मार्मिक कविता है जो एक चिड़िया की लगन और उसके हौसलों को दर्शाती है। आँधी- तूफ़ान भी उसको अपना घोंसला बनाने या बचाने से नहीं रोक पाते। वो बड़ी सहजता से अपने घोंसले को समान इकट्ठा करके बनती बाई और बड़े से बड़े तूफ़ान का सामना करती है। चिड़िया बहुत नन्ही सी होकर भी एक मिसाल क़ायम करती है ।

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