“मेरी कलम से” एक ऐसी कविता है जिसके साथ हर लेखक खुद को जोड़ सकता है। यह दिल की भावनाओं को स्याही में उन्हें खूबसूरती से कागज पर उरती है।कलम एक लेखक का अलंकार होती है । मन की सारी भावनाएँ कलम के ज़रिए वो ज़ाहिर करता है । कलम एक लेखक की वक़्त बेवक्त की वफ़ादार साथी होती है। जो ज़ुबान बयां नहीं कर सकती वो लेखक की कलम बेझिझक बयान कर देती है। “मेरी कलम से” कविता के द्वारा मैंने एक कवि के मनोभाव को उजागर करने का प्रयत्न किया है।

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An entrepreneur in HR field with previous work experience in education, hotels and training., I enjoy my journey of life trying to make my 16 year old daughter diagnosed with Down Syndrome, independent and well integrated into the society. Being a typical Taurean, I take life head on and am ready to face challenges with a perennial smile. A passionate poet, I love to spread sunshine through my poetry that touch souls.

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