तेरे पैरों में बसता हूँ गीत सुरीला बन कर
थिरक उठता हूँ मगन कुछ बन ठन कर
ग़र टूट कर बिखर गया तो कोई ग़म नहीं
ठोकर लगी तो भी बजता हूँ आख़िरी दम तक

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