तेरी अधूरी दास्तान हूँ मैं
चंद लवजों की मेहमान हूँ मैं
रूह में तेरी उतर के देखा
फिर जाना की तेरी पहचान हूँ मैं
देख ले जी भरके सपने तू
तेरे अरमानो का आसमान हूँ मैं
पंख तेरे मैं बन जाऊँगी
आसमाँ से ऊँची तेरी उड़ान हूँ मैं
छलक जाने दे जी भरके आँसूँ
इन मोतियों का कदरदान हूँ मैं
तूने मुझे इस क़ाबिल समझा
इस बात पे आज मेहरबान हूँ मैं
एक मौक़ा तू ज़िन्दगी को दे
तेरी हर साँस का मान हूँ मैं
एक आवाज़ में चली आऊँगी
तेरे दिल की ही मुस्कान हूँ मैं
तूने मुझे पहचाना नहीं
इस बात पर क्यूँ हैरान हूँ मैं
दुनिया के डर से ख़ामोश है तू
पर क्यूँ बेबस और बेज़ुबान हूँ मैं